अर्ध शहरी और ग्रामीण स्टोर्स में UPI लेनदेन में 650% की वृद्धि: पेनियरबाय

पेनियरबाय ने अपने पैन-इंडिया रिपोर्ट ‘रिटेल-ओ-नॉमिक्स’ के दूसरे एडिशन में 'असिस्टेड फाइनेंशियल ट्रैन्ज़ैक्शन' पर विस्तृत विश्लेषण जारी किया
  • रिटेल काउंटर्स के ज़रिए सहायता प्राप्त वित्तीय लेन-देन के मूल्य में 25% की वृद्धि और मात्रा में 14% की वृद्धि
  • माइक्रो एटीएम और एमपीओएस उपकरणों की मांग में 25% की वृद्धि
  • वित्तीय संस्थानों और एनबीएफसी के ईएमआई कलेक्शन्स में 200% से अधिक की तीव्र वृद्धि
  • स्थानीय दुकानों पर बिल भुगतान सेवा के मूल्य में 12% और मात्रा में 10% की वृद्धि देखी गई
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए डिजिटल लोन में 263% की वृद्धि
भारत का सबसे बड़ा ब्रांचलेस बैंकिंग और डिजिटल नेटवर्क पेनियरबाय ने आज घोषणा की है कि वर्ष 2022 में भारत भर के सभी अर्ध-शहरी और ग्रामीण स्टोर्स में सहायता प्राप्त वित्तीय लेन-देन के मूल्य में 25% और मात्रा में 14% की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि इन इलाकों के उपभोक्ताओं के व्यवहार और आदतों में हुए बदलाव को दर्शाती है, ज़्यादा से ज़्यादा नागरिक अपनी बैंकिंग और जीवनशैली से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सहायता प्राप्त डिजिटल साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और औपचारिक वित्त व्यवस्था में जुड़ रहे हैं।

पेनियरबाय की सभी अलग-अलग उत्पाद श्रेणियों में यह वृद्धि देखी गयी है, जिनमें यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), नकद निकासी, एमएसएमई क्रेडिट, यूटिलिटी पेमेंट, नकद प्रबंधन, असिस्टेड ई-कॉमर्स और कई अन्य शामिल हैं। किराना, मोबाईल रिचार्ज के स्टोर्स, मेडिकल दुकानें, कस्टमर सर्विस पॉइंट्स (सीएसपी), ट्रेवल एजेंट्स आदि स्थानीय रिटेल काउंटर्स पर नागरिकों ने इनका लाभ उठाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन में पेनियरबाय रिटेल काउंटरों पर मूल्य और मात्रा में 650% और 500% की भारी वृद्धि देखी गई, जो देश में टियर-II क्षेत्रों से परे यूपीआई के बढ़ते प्रभाव का प्रतिनिधित्व करती है। यह डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में यूपीआई की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है।

पेनियरबाय द्वारा जारी 'रिटेल-ओ-नॉमिक्स' इस पैन-इंडिया रिपोर्ट के दूसरे एडिशन में यह अंतर्दृष्टि साझा की गई थी। रिपोर्ट को पूरे देश में दस लाख से अधिक रिटेल टचपॉइंट्स पर किए गए लेनदेन के आधार पर तैयार किया गया है। रिपोर्ट के निष्कर्ष जनवरी से अक्टूबर 2022 और 2021 की समान अवधि की तुलना के दौरान एकत्र किए गए व्यावसायिक आंकड़ों पर आधारित हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रो एटीएम और एमपीओएस उपकरणों की मांग में 25% से अधिक की वृद्धि के साथ, एमपीओएस व्यवसाय में 100% से अधिक की वृद्धि देखी गई है। रिटेल दुकानों पर डिजिटल भुगतान विकल्पों की मांग में वृद्धि बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने और सबसे आखरी उपभोक्ता तक वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में छोटे रिटेल स्टोर्स द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।

अर्ध शहरी और ग्रामीण डिजिटल काउंटरों की आय को बढ़ावा देने वाले प्रमुख चालकों में से एक माइक्रो एटीएम और एईपीएस के ज़रिए नकद निकासी व्यवसाय ने मूल्य में 8% और मात्रा में 9% की वृद्धि देखी है। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में माइक्रो एटीएम के ज़रिए नकद निकासी के मूल्य में 25% की वृद्धि और मात्रा में 28% की वृद्धि हुई है। वृद्धि के यह आंकड़ें बैंक खातों तक की आसान पहुंच सुनिश्चित करने में पोर्टेबल डिजिटल डिवाइस की भूमिका में बढ़ोतरी को दर्शाता है, जबकि व्यापारियों को कैश-एट-स्टोर का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करता है। हालाँकि, प्रति लेनदेन औसत नकद निकासी 2021 में 2620 रूपए थी जो 2022 में 2595 रुपयों तक नीचे गिरी है।

रिपोर्ट के अनुसार, सहायता प्राप्त वित्तीय लेनदेन में दो अंकों की वृद्धि अर्ध-शहरी और ग्रामीण भारत का योगदान बराबर का रहा है, और स्वीकार करने की दर शहरी और ग्रामीण इलाकों में सेवा की कम पहुंच वाली आबादी के बीच तुलनीय थी।

इस रिपोर्ट में 1400 करोड़ रुपये के मासिक औसत के साथ नकद कलेक्शन व्यवसाय (ईएमआई सहित) में 200% से अधिक की तीव्र वृद्धि का संकेत दिया गया है, जो उधार और अन्य फाइनेंसिंग समाधानों की मांग को पूर्व-महामारी के स्तर पर वापस आने का संकेत देती है। लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स कंपनियों से कलेक्शन सहित अधिकांश नकद कलेक्शन प्रक्रियाओं की मांग में वृद्धि देखी गई, जिसमें मात्रा में 89% से अधिक की छलांग देखी गई। सर्वेक्षण की अवधि के दौरान रिटेल स्टोर्स पर बीमा प्रीमियम में भी 370% की भारी वृद्धि और ग्राहकों में 365% की वृद्धि देखी गई है।

रिपोर्ट के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए, पेनियरबाय के संस्थापक, एमडी और सीईओ, श्री आनंद कुमार बजाज ने कहा, “रिपोर्ट के निष्कर्ष प्रेरणादायक हैं और इस तथ्य पर जोर देते हैं कि भारत इंडिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार है। भारत आकांक्षी है, और असिस्टेड कॉमर्स, ओटीटी सब्सक्रिप्शन, माइक्रो-लेंडिंग जैसी ग्रीन शूट सेवाओं का बढ़ता उठाव इन सेवाओं को स्टोर पर आसानी से उपलब्ध कराने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।"

इस कैलेंडर वर्ष में पहले दस महीनों में हमने डिजिटल सेवाओं में 70000 करोड़ रुपयों का पड़ाव हासिल किया है। नकद निकासी व्यवसाय में लगातार वृद्धि, इन कुछ ग्रीन शूट सेवाओं का तेज़ी से स्वीकार महामारी के भयानक प्रभाव के बाद हमारी वित्त व्यवस्था में लगातार हो रही रिकवरी को दर्शाता है। हाई एन्ड प्रौद्योगिकी को सरल बनाने के हमारे प्रयासों को मज़बूत करना हम जारी रखेंगे ताकि अधिकतम सेवाएं सभी लोगों तक पहुंचाई जाएं और हमारे सुचारु डिस्ट्रीब्यूशन-एज़-ए-सर्विस नेटवर्क के ज़रिए सभी को उपलब्ध कराई जाएं।

नज़दीकी स्टोर पर सहायता प्राप्त वित्तीय लेन-देन उपलब्ध कराने के लिए रिटेल समुदाय द्वारा बढ़ती हुई मांग देखकर हमें ख़ुशी हो रही है। इससे न केवल व्यापारी की आय बढ़ी है बल्कि देश की प्रगति को तेज़ करने और भारत इंडिया के बीच के अंतर को पाटने में भी मदद मिल सकती है। पेनियरबाय, ज़िद आगे बढ़ने की।"

ओटीटी, ऑनलाइन एजुकेशन, ऑनलाइन गेमिंग जैसी सब्सक्रिप्शन पर आधारित डिजिटल सेवाओं में भी सकारात्मक वृद्धि हुई है। भले ही यह आंकड़ें छोटे हैं लेकिन वह इस तरह की सेवाओं और महामारी के बाद के भारत में डिजिटल उत्पादों के लिए बढ़ती मांग को दर्शाते हैं।

स्थानीय दुकानों पर बिल भुगतान सेवा के मूल्य में 12% और मात्रा में 10% की वृद्धि देखी गई। पिछले साल के मुकाबले मोबाइल रिचार्ज में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस त्योहारी सीजन में यात्रा बुकिंग में फ्लाइट में 8% और रेल बुकिंग में 6% की वृद्धि देखी गई, इनमें से अधिकतम यात्राएं दोस्तों और परिवार से मिलने और त्योहारों में अपने घर जाने के लिए की गयी हैं। पैन कार्ड जारी करने की दर में तिमाही दर तिमाही में 88% की वृद्धि भी इस रिपोर्ट में दर्शायी गयी है। इससे पता चलता है कि स्थानीय किराना स्टोर उपभोक्ताओं के लिए उनकी अधिकांश वित्तीय और डिजिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बहु-उपयोगिता बिंदु बने हैं।

इस अवधि के दौरान एमएसएमई के माइक्रो-क्रेडिट में भी 263% की वृद्धि देखी गई; जो इस सेगमेंट में वाएबल क्रेडिट के लिए मांग की एक बहुत बड़ी संभावना का संकेत देती है, भारत में विकास के अगले चरणों में इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है।

एक अन्य दिलचस्प अवलोकन के अनुसार, लगभग 32% बैंकिंग लेनदेन गैर-बैंकिंग घंटों के दौरान शाम 6.00 बजे से 12.00 बजे के बीच किए गए थे। यह जनता की बैंकिंग और डिजिटल जरूरतों को पूरा करने में रिटेल दुकानों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

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