IIT दिल्ली स्टार्टअप नैनोक्लीन ने लॉन्च किया दुनिया का पहला स्मोकिंग सेसेशन फिल्टर – सिगीबड
पेटेंटेड नेनोफाइबर टेक्नोलॉजी से बना यह प्रोडक्ट यूज़र में निकोटीन के स्तर को कम करने में होगा मददगार

नैनोक्लीन, ऑर्गेनाइज़ेशन इंजीनियरिंग अडवान्स्ड एयर फिल्टरेशन सोल्युशन नैनोक्लीन ने दुनिया के पहले स्मोकिंग सेसेशन फिल्टर सिगीबड का लॉन्च किया है। इस प्रोडक्ट को आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है, जो पेटेंटेड नैनोफाइबर टेक्नोलॉजी से युक्त है और धूम्रपान छोड़ने में मदद करता है।

यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित थेरेपी है जो 3 महीने के अंदर धूम्रपान छोड़ने में मदद करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित निकोटीन रिप्लेसमेन्ट थेरेपी के आधार पर यह प्रोडक्ट डिज़ाइन किया गया है, जो मुख्य रूप से निकोटीन का स्तर कम करने पर ध्यान केन्द्रित करता है। नैनोफाइबर टेक्नोलॉजी टार और निकोटीन की बड़ी मात्रा को फिल्टर कर देती है, जिससे यूज़र में निकोटीन का स्तर कम होने लगता है। सिगीबड लाईट, अल्ट्रा, प्रो लैवल्स के पैक में आता है, जो चरणबद्ध तरीके से धूम्रपान छोड़ने में मदद करता है। यह तीन चरणों की प्रक्रिया है जिसमें 60 फीसदी टार और 30 फीसदी निकोटीन लाईट लैवल पर कम हो जाते हैं। हर स्तर पर इसकी प्रभाविता बढ़ती रहती है, अल्ट्रा लैवल की बात करें तो टार में 70 फीसदी और निकोटीन में 50 फीसदी की कमी आती है। प्रो लैवल में टार और निकोटीन दोनों 80 फीसदी तक कम हो जाते हैं।

 
IIT दिल्ली स्टार्टअप नैनोक्लीन ने लॉन्च किया दुनिया का पहला स्मोकिंग सेसेशन फिल्टर – सिगीबड

IIT दिल्ली स्टार्टअप नैनोक्लीन ने लॉन्च किया दुनिया का पहला स्मोकिंग सेसेशन फिल्टर – सिगीबड

धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, धूम्रपान से कैंसर, दिल की बीमारियों, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी, फेफड़ों के रोगों, स्ट्रोक आदि का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यह एक तरह की लत है, जिसे छोड़ना आसान नहीं होता। ऐसे में हमने सोच-समझ कर यह प्रोडक्ट तैयार किया है। सिगीबड में इस्तेमाल की गई नैनोफाइबर टेक्नोलॉजी धूम्रपान को स्वास्थ्य के लिए 80 फीसदी तक कम घातक बनाती है। यह गले की स्थिति में सुधार लाकर धूम्रपान की इच्छा को प्राकृतिक रूप से कम करती है। यह हर तरह की सिगरेट के लिए कम्पेटिबल है। सिगीबड इस्तेमाल करने के बाद लोगों को आम सिगरेट कड़वी लगने लगती है, इसलिए वे उसे नहीं पीना चाहते और धीरे-धीरे धूम्रपान छोड़ देते हैं।

इस अवसर पर प्रतीक शर्मा, संस्थापक एवं सीईओ, नैनोक्लीन ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, ‘‘धूम्रपान एक लत है, लोग इसके घातक प्रभावों को जानते हुए भी इस लत का शिकार हो जाते हैं, जिसके बाद इसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सिगीबड लेकर आए हैं जिसे कम स्तर के निकोटीन से बनाया गया है। नैनोक्लीन में हम सिगीबड के माध्यम से समाज और मानवमात्र के लिए ऐसा आधुनिक समाधान लेकर आए हैं जो उन्हें धूम्रपान को छोड़ने में मदद करेगा। हम आधुनिक तकनीक का लाभ उठाकर धूम्रपान के घातक प्रभावों को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं।’

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