इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड ने गिफ्ट सिटी में भारत का पहला एआई हब बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कदम रखने की योजना बनाई
  • एआई से जुड़े इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक योजना के साथ साहसिक और रणनीतिक कदम
  • एआई-एनेबल्ड धोखाधड़ी का पता लगाने वाले बाजार में संभावनाओं की तलाश
  • प्रारंभ में, कंपनी की प्राथमिकता वाले क्षेत्र डिजिटल भुगतान और वित्तीय क्षेत्र होंगे
  • धोखाधड़ी का पता लगाने और इसकी रोकथाम से संबंधित बाजार का आकार 2029 तक 129 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद।
भारत की पहली सूचीबद्ध फिनटेक कंपनी इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड ने बढ़ते एआई-एनेबल्ड धोखाधड़ी का पता लगाने वाले बाजार में संभावनाओं का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में प्रवेश करने की अपनी योजना की घोषणा की है। कंपनी भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हब स्थापित करेगी, जिसका मुख्यालय गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में होगा। इस सेंटर में एआई सॉल्यूशंस तैयार करने के लिए फिनटेक और वित्तीय क्षेत्र पर फोकस किया जाएगा। इस तरह घरेलू और ग्लोबल बाजार के लिए एक ऐसा इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा, जिसमें धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एआई को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा और प्रमाणीकरण और जोखिम पहचान (एफएआर) से संबंधित सॉल्यूशंस पर भी फोकस रहेगा।

कंपनी एआई हब के निर्माण और इसे तेजी से विकसित करने के लिए अगले तीन वर्षों में रणनीतिक निवेश करने की योजना बना रही है। इस रणनीतिक कदम में एआई इंजीनियरों, डेटा वैज्ञानिकों और अन्य कर्मचारियों को काम पर रखकर एक इन-हाउस टैलेंट पूल का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देते हुए एआई स्टार्ट-अप को फंडिंग, मेंटरशिप, बुनियादी ढांचे और विकास के लिए व्यावसायिक अवसर तक पहुंच की सुविधा प्रदान की जाएगी।

श्री विशाल मेहता, जो कॉर्नेल यूनिवर्सिटी यूएसए से इंजीनियर हैं और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पूर्व छात्र हैं, इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर एआई हब के दैनिक संचालन की देखरेख करेंगे। वह अमेज़ॅन के पूर्व एक्जीक्यूटिव हैं और उन्होंने अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान अमेज़ॅन इंक के संस्थापक जेफ बेजोस और उनकी नेतृत्व टीम के साथ मिलकर काम किया है।

एआई हब को एक ऐसा वन-स्टॉप शॉप बनने की योजना है, जहां दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) का इस्तेमाल करने के साथ-साथ डेटा का विश्लेषण किया जा सकेगा। साथ ही, व्यवसायों, संगठनों और सरकारों के लिए धोखाधड़ी का पता लगाने वाले सॉल्यूशंस उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे वित्तीय प्रणालियों, व्यवसायों और राष्ट्रीय हित के लिए बढ़ते खतरों से निपट सकें।

इंफीबीम विशाल पेमेंट प्रोसेसिंग डेटा पर आधारित है, जो वित्तीय क्षेत्र में धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एक डीप लर्निंग एल्गोरिदम और मॉडल बनाने के लिए टैक्नोलॉजी प्रदान करता है। कंपनी ने वित्त वर्ष 23 में 4.5 लाख करोड़ रुपए (54 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के लेनदेन प्रोसेस किए। डिजिटल भुगतान और एंटरप्राइज़ सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म पर इसके 8 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं।

इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री विशाल मेहता ने कहा, ‘‘एफएआर (फ्रॉड डिटेक्शन, ऑथेंटिकेशन और रिस्क आइडेंटिफिकेशन) पहल के तहत एआई हब की स्थापना दरअसल एक साहसिक और रणनीतिक कदम है। इसके तहत एआई इनोवेशन को बढ़ावा देने, टैलेंट को आकर्षित करने और एक सपोर्टिव इको सिस्टम बनाने के लिए एक व्यापक योजना बनाई गई है, ताकि धोखाधड़ी की रोकथाम से संबंधित सॉल्यूशंस विकसित किए जा सकें। सिर्फ एआई के माध्यम से ही हम भुगतान और ई-कॉमर्स में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों की प्रभावी ढंग से रोकथाम कर सकते हैं। एक बाजार रिपोर्ट के अनुसार, धोखाधड़ी का पता लगाने और रोकथाम बाजार का आकार 2021 में 25.66 बिलियन डॉलर का था और 2029 तक इसके 129 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।’’

धोखाधड़ी संबंधी गतिविधियों की पहचान करने, रोकने, पता लगाने और आवश्यक कार्रवाई करने में मदद करके एआई फ्रॉड मैनेजमेंट की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एआई और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके, वास्तविक समय की निगरानी के साथ बिग डेटा स्रोतों को जोड़कर और एनालिटिक्स तकनीक का उपयोग करके, यह उन पैटर्न और विसंगतियों का पता लगा सकता है, जिनसे हमें पेमेंट फ्रॉड, आइडेंटिटी थेफ्ट, या फ़िशिंग अटैक जैसी गतिविधियों के संकेत मिल जाते हैं। ये एआई-आधारित सॉल्यूशंस लगातार नए धोखाधड़ी पैटर्न और रुझानों का पता लगा सकते हैं, जिससे उनकी पहचान क्षमताओं में लगातार सुधार हो सकता है। इसके अलावा, धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए अधिक व्यापक एप्रोच प्रदान करने के लिए एआई-आधारित सिस्टम पहचान सत्यापन और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसी अन्य सुरक्षा प्रणालियों के साथ इंटीग्रेट हो सकते हैं।

श्री विशाल मेहता ने आगे कहा, ‘‘हम एक निर्णायक दौर में हैं। हमारा मानना है कि भारत में एआई को अपनाना और इसे लेकर जागरूकता अगले 3-5 वर्षों में उच्च स्तर पर पहुंच जाएगी और सरकार ने पहले ही भारत को एक नए एआई टैक्नोलॉजी इनोवेशन केंद्र के रूप में आगे बढ़ाने के विजन के साथ काम शुरू कर दिया है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकारी प्रक्रियाओं में तकनीक को अपनाने को की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। हमारा निवेश इस क्षेत्र में प्रतिभाशाली लोगांे को संरक्षण देगा और उन्हें आगे बढ़ने में सहायता करेगा। इस तरह वे जटिल, हाई वैल्यू वाले वाणिज्यिक और सरकारी उपयोग के मामलों के लिए अत्याधुनिक डेटा-संचालित एप्लिेकेशंस को विकसित करने में सफल हो सकेंगे।’’

प्रारंभ में, कंपनी के प्राथमिकता वाले क्षेत्र डिजिटल भुगतान और वित्तीय क्षेत्र में होंगे, जहां एआई और एमएल एल्गोरिदम वास्तविक समय के आधार पर क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग या ई-कॉमर्स जैसे ऑनलाइन लेनदेन में धोखाधड़ी वाली गतिविधियों का पता लगाते हैं। लंबी अवधि में, एआई हब की इन-हाउस टीम बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, बीमा, एफएमसीजी, विनिर्माण, फिनटेक, उपयोगिता क्षेत्र, सरकार और सरकारी एजेंसियों के लिए धोखाधड़ी का पता लगाने और रोकथाम करने वाले कस्टमाइज्ड सॉल्यूशन विकसित करेगी।

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