बेंगलुरु, भारत, 2 जुलाई, 2024 /PRNewswire/ -- 21 जून को, हैदराबाद में आयोजित एनजीआई सीएसआर शिखर सम्मेलन के दौरान, आर्ट ऑफ लिविंग को उनके जलतारा प्रोजेक्ट के लिए सर्वश्रेष्ठ सीएसआर इम्पैक्ट अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स के बारे में बताते हुए, अध्यक्ष श्री प्रसन्ना प्रभु ने एक आकर्षक मुख्य भाषण और उद्योग से संबंधित प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा पर्यावरणीय और सामाजिक क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदानों पर प्रकाश डाला तथा भारत को जल-सम्पन्न बनाने की दिशा में संगठन की भावी योजनाओं को सबके समक्ष प्रस्तुत किया।
यह 2024 में आर्ट ऑफ लिविंग को दिया जाने वाला दूसरा सीएसआर पुरस्कार है। 15 फरवरी को, इस संगठन ने अपने सहयोगी साझेदार श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन के साथ, सौर विद्युतीकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ सीएसआर इम्पैक्ट अवॉर्ड प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, दिसंबर 2019 में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले चार वर्षों के दौरान जलतारा प्रोजेक्ट द्वारा प्राप्त की गई उल्लेखनीय प्रगति के लिए श्री प्रसन्ना प्रभु को सम्मानित किया।
संपूर्ण भारत में प्रभाव का प्रसार
जलतारा की यह यात्रा 2021 में 4 गांवों में लगभग 1,400 पुनर्भरण संरचनाओं के साथ शुरू हुई थी। केवल 3 वर्षों के दौरान, पुनर्भरण संरचनाओं की यह संख्या बढ़कर 45,500 से अधिक तक पहुंच गई है, जिससे 115 से अधिक गांवों की स्थिति में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। इस पहल के अंतर्गत 90,000 से अधिक पेड़ लगाए गए और 1,70,000 एकड़ से अधिक भूमि को लाभ प्राप्त हुआ। महाराष्ट्र और कर्नाटक में एक केंद्रित प्रयास के रूप में शुरू हुआ यह प्रयास अब हरियाणा, पंजाब और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है।
जलतारा की सफलता
जलतारा की सफलता का रहस्य इसकी सरलता और इसके वास्तुकारों का समर्पण है। इन पुनर्भरण संरचनाओं का डिजाइन सरल होता है, इनका निर्माण विभिन्न प्रकार के भूभागों को ध्यान में रखकर किया जाता है, तथा इन्हें विशेषज्ञता प्राप्त तकनीकी टीम का और स्थानीय व्यक्तियों की सक्रिय सहभागिता का सहयोग प्राप्त होता है - इनका उपयोग जल की कमी को दूर करने के लिए एक स्थायी समाधान के रूप में किया जा सकता है।
जलतारा ने संपूर्ण वर्ष के लिए भूजल की उपलब्धता सुनिश्चित करके और इन जलभराव को रोककर, फसल उत्पादन को उल्लेखनीय रूप से बेहतर बनाया है। इसके परिणामस्वरूप खरीफ सीजन के दौरान श्रम मांग में 19% तथा रबी सीजन के दौरान 88% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, रबी सीजन के दौरान भूमि उपयोग में 58% की वृद्धि हुई है, जो बेहतर जल उपलब्धता और उपजाऊ भूमि की स्थिति को दर्शाता है।
जलतारा प्रोजेक्ट के लिए सहयोग
* सभी जिलों में जल संरक्षण हेतु महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू)
* कर्नाटक में 500 जलतारा पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण हेतु विप्रो एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू)।
* क्षमता निर्माण और जल तारा पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण के लिए अंतरजला चेतना योजना, कर्नाटक का विस्तार
* ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ 'आखिरी बूंद भूमि जल मिशन' की शुरुआत की गयी है।
जलतारा का विज़न
* अगले 5 वर्षों में भारत में व्याप्त भूजल संकट का समाधान करना
* पूरे भारत में प्रतिवर्ष 15 ट्रिलियन लीटर भूजल का पुनर्भरण किया जाएगा
* 5 वर्षों में, 1,00,000 गांवों में 5,00,00,000 पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा
जलतारा की कहानी किसानों द्वारा अपने भाग्य का स्वयं निर्माण करने तथा समुदायों द्वारा विकास को प्रोत्साहन प्रदान करने के बारे में है। यह कहानी आगे बढ़ती रहती है, और जिन लोगों से जुड़ती है उनके जीवन में, एक-एक करके, शांतिपूर्वक बदलाव लाना शुरू करती है।
आर्ट ऑफ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स के बारे में
आर्ट ऑफ लिविंग एक गैर-लाभकारी संगठन है जो विश्व स्तर पर शांति, कल्याण और मानवीय सेवा के लिए समर्पित रूप से कार्य करता है। समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध, आर्ट ऑफ लिविंग विभिन्न पहलों को अपना सहयोग प्रदान करता है, जिनमें जल संरक्षण, स्थायी कृषि, वनरोपण, निःशुल्क शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, एकीकृत ग्राम विकास, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन आदि शामिल हैं। इन बहुमुखी प्रयासों के माध्यम से, आर्ट ऑफ लिविंग सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से सकारात्मक प्रभाव पैदा करने का प्रयास करता है, जिससे सभी के लिए एक अधिक स्थायी और सामंजस्यपूर्ण भविष्य का निर्माण हो सके।
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यह 2024 में आर्ट ऑफ लिविंग को दिया जाने वाला दूसरा सीएसआर पुरस्कार है। 15 फरवरी को, इस संगठन ने अपने सहयोगी साझेदार श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन के साथ, सौर विद्युतीकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ सीएसआर इम्पैक्ट अवॉर्ड प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, दिसंबर 2019 में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले चार वर्षों के दौरान जलतारा प्रोजेक्ट द्वारा प्राप्त की गई उल्लेखनीय प्रगति के लिए श्री प्रसन्ना प्रभु को सम्मानित किया।
संपूर्ण भारत में प्रभाव का प्रसार
जलतारा की यह यात्रा 2021 में 4 गांवों में लगभग 1,400 पुनर्भरण संरचनाओं के साथ शुरू हुई थी। केवल 3 वर्षों के दौरान, पुनर्भरण संरचनाओं की यह संख्या बढ़कर 45,500 से अधिक तक पहुंच गई है, जिससे 115 से अधिक गांवों की स्थिति में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। इस पहल के अंतर्गत 90,000 से अधिक पेड़ लगाए गए और 1,70,000 एकड़ से अधिक भूमि को लाभ प्राप्त हुआ। महाराष्ट्र और कर्नाटक में एक केंद्रित प्रयास के रूप में शुरू हुआ यह प्रयास अब हरियाणा, पंजाब और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है।
जलतारा की सफलता
जलतारा की सफलता का रहस्य इसकी सरलता और इसके वास्तुकारों का समर्पण है। इन पुनर्भरण संरचनाओं का डिजाइन सरल होता है, इनका निर्माण विभिन्न प्रकार के भूभागों को ध्यान में रखकर किया जाता है, तथा इन्हें विशेषज्ञता प्राप्त तकनीकी टीम का और स्थानीय व्यक्तियों की सक्रिय सहभागिता का सहयोग प्राप्त होता है - इनका उपयोग जल की कमी को दूर करने के लिए एक स्थायी समाधान के रूप में किया जा सकता है।
जलतारा ने संपूर्ण वर्ष के लिए भूजल की उपलब्धता सुनिश्चित करके और इन जलभराव को रोककर, फसल उत्पादन को उल्लेखनीय रूप से बेहतर बनाया है। इसके परिणामस्वरूप खरीफ सीजन के दौरान श्रम मांग में 19% तथा रबी सीजन के दौरान 88% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, रबी सीजन के दौरान भूमि उपयोग में 58% की वृद्धि हुई है, जो बेहतर जल उपलब्धता और उपजाऊ भूमि की स्थिति को दर्शाता है।
जलतारा प्रोजेक्ट के लिए सहयोग
* सभी जिलों में जल संरक्षण हेतु महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू)
* कर्नाटक में 500 जलतारा पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण हेतु विप्रो एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू)।
* क्षमता निर्माण और जल तारा पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण के लिए अंतरजला चेतना योजना, कर्नाटक का विस्तार
* ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ 'आखिरी बूंद भूमि जल मिशन' की शुरुआत की गयी है।
जलतारा का विज़न
* अगले 5 वर्षों में भारत में व्याप्त भूजल संकट का समाधान करना
* पूरे भारत में प्रतिवर्ष 15 ट्रिलियन लीटर भूजल का पुनर्भरण किया जाएगा
* 5 वर्षों में, 1,00,000 गांवों में 5,00,00,000 पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा
जलतारा की कहानी किसानों द्वारा अपने भाग्य का स्वयं निर्माण करने तथा समुदायों द्वारा विकास को प्रोत्साहन प्रदान करने के बारे में है। यह कहानी आगे बढ़ती रहती है, और जिन लोगों से जुड़ती है उनके जीवन में, एक-एक करके, शांतिपूर्वक बदलाव लाना शुरू करती है।
आर्ट ऑफ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स के बारे में
आर्ट ऑफ लिविंग एक गैर-लाभकारी संगठन है जो विश्व स्तर पर शांति, कल्याण और मानवीय सेवा के लिए समर्पित रूप से कार्य करता है। समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध, आर्ट ऑफ लिविंग विभिन्न पहलों को अपना सहयोग प्रदान करता है, जिनमें जल संरक्षण, स्थायी कृषि, वनरोपण, निःशुल्क शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, एकीकृत ग्राम विकास, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन आदि शामिल हैं। इन बहुमुखी प्रयासों के माध्यम से, आर्ट ऑफ लिविंग सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से सकारात्मक प्रभाव पैदा करने का प्रयास करता है, जिससे सभी के लिए एक अधिक स्थायी और सामंजस्यपूर्ण भविष्य का निर्माण हो सके।
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