2020 में शूलिनी की 5% से तेजी से वृद्धि इसे उच्च रैंक वाले उच्च संस्थानों से अलग करती है।


सोलन, भारत, 20 सितंबर, 2024 /PRNewswire/ -- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने शूलिनी विश्वविद्यालय के बीस शोधकर्ताओं को विश्व के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किया है। यह रैंकिंग एल्सेवियर स्कोपस डेटा पर आधारित है और इसमें दो श्रेणियां शामिल हैं: कैरियर-पर्यन्त प्रभाव और 2023 में वैज्ञानिक प्रदर्शन। यह मान्यता वैश्विक अनुसंधान में शूलिनी के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है।



शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए संस्थापक एवं कुलाधिपति प्रो. पी.के. खोसला ने कहा, "यह सम्मान विश्वविद्यालय की बढ़ती वैश्विक अनुसंधान उपस्थिति और वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रति समर्पण को उजागर करता है।"


प्रो चांसलर विशाल आनंद ने कहा, "यह शूलिनी के लिए गर्व का क्षण है। यह उत्कृष्ट सफलता हमारे संकाय की नवाचार की इच्छा का परिणाम है, जो विश्वविद्यालय की गतिशील अनुसंधान संस्कृति द्वारा समर्थित है।


सदानंद पांडे, प्रदीप सिंह, गौरव शर्मा, पंकज रायजादा, अमित कुमार, श्याम सिंह चंदेल, शांतनु मुखर्जी, धृति कपूर, अनिल कुमार, वसुधा हसीजा, अमित कुमार, अनीता सुधाईक, पूजा धीमान, रोहित शर्मा, गुरुराज कुदुर जयप्रकाश, रोहित जसरोटिया, दिनेश कुमार, राजेश कुमार, दीपक कुमार और पूनम नेगी को 2023 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया है।


इनमें से आठ वैज्ञानिक करियर-पर्यन्त प्रभाव सूची में भी शामिल हैं: सदानंद पांडे, शांतनु मुखर्जी, गौरव शर्मा, श्याम सिंह चंदेल, प्रदीप सिंह, अमित कुमार, पंकज रायजादा और अनिल कुमार। 


कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने इस बात पर जोर दिया कि, "सूची में शामिल होना हमारे शोधकर्ताओं की ताकत और वैश्विक शिक्षा जगत में विश्वविद्यालय की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।" मुझे विश्वास है कि भविष्य में हमारे और अधिक वैज्ञानिक इस सूची में स्थान बना सकेंगे।"


केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में 70वें स्थान पर होने के बावजूद, शूलिनी विश्वविद्यालय ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की सूची में कई उच्च रैंक वाले संस्थानों से बेहतर प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने शीर्ष 2 प्रतिशत सूची में अपना प्रतिनिधित्व लगातार बढ़ाया है। 2020 में मात्र 5 प्रतिशत से बढ़कर अब विश्वविद्यालय के 20 शोधकर्ता इस सूची में हैं।


स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की सूची वैज्ञानिक प्रभाव को मापने के लिए एक विस्तृत विधि का उपयोग करती है, जिसमें उद्धरण, एच-इंडेक्स और समग्र स्कोर (सी-स्कोर) जैसे कारकों पर ध्यान दिया जाता है। यह प्रत्येक वैज्ञानिक के कार्य की सटीक तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए स्व-उद्धरणों और वापस लिए गए लेखों को भी ध्यान में रखता है। शोधकर्ताओं को 22 प्रमुख क्षेत्रों और 174 उप-क्षेत्रों में बांटा गया है, जिससे उनकी विशेषज्ञता और प्रभाव के विशिष्ट क्षेत्रों को दर्शाने में मदद मिलती है।


2009 में स्थापित शूलिनी जैसे युवा विश्वविद्यालय के लिए यह मान्यता एक बड़ी उपलब्धि है। इससे शूलिनी को विश्व के अग्रणी शोध संस्थानों में स्थान मिला है। विश्वविद्यालय अपने शोधकर्ताओं को सहयोग देकर तथा अत्याधुनिक कार्य को प्रोत्साहित करने वाला वातावरण बनाकर इस सफलता को आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है।


शूलिनी यूनिवर्सिटी के बारे में


2009 में स्थापित, शूलिनी विश्वविद्यालय निचले हिमालय में स्थित एक शीर्ष निजी विश्वविद्यालय है। एनआईआरएफ द्वारा शीर्ष 100 में स्थान प्राप्त, यह यूजीसी-अनुमोदित और एनएएसी-मान्यता प्राप्त है। यह विश्वविद्यालय अपने उच्चस्तरीय संकाय, मजबूत प्लेसमेंट तथा अनुसंधान एवं नवाचार पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए जाना जाता है।


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