नई दिल्ली, 12 सितंबर, 2024 /PRNewswire/ -- "ग्रीनर, अधिक रेसिलिएंट ऊर्जा भविष्य के लिए हमारी साझा महत्वाकांक्षा को हर स्तर पर - वैश्विक, राष्ट्रीय और विशेष रूप से राज्य स्तर पर ठोस कार्यों में बदलना चाहिए। भारतीय राज्यों द्वारा उठाए गए सक्रिय कदम न केवल भारत के ऊर्जा परिदृश्य को आकार दे रहे हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा पर वैश्विक आख्यान को भी प्रभावित कर रहे हैं, "भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने डब्ल्यूआरआई इंडिया के वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम, कनेक्ट कारो 2024 में 'भारत के ऊर्जा परिवर्तन में राज्यों की भूमिका' विषय पर मध्याह्न पूर्ण सत्र में अपने मुख्य भाषण में कहा।
भारत के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्यों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात करते हुए, कांत ने आगे कहा, "बिजली उत्पादन से परे, राज्य स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण और परिवहन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहे हैं, विकास को गति दे रहे हैं, नौकरियां पैदा कर रहे हैं और भारत को अग्रणी देश के रूप में स्थापित कर रहे हैं। पसंदीदा निवेश गंतव्य।"
भारत के ऊर्जा परिवर्तन में राज्यों की भूमिका' नामक सत्र में राज्य के ऊर्जा परिवर्तन के कई तत्वों के संबंध में अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया। इसमें उत्पादन, परिवर्तन, बाजार, उभरती और नवीन प्रौद्योगिकियां और नियोजन प्रक्रियाएं शामिल हैं।
कनेक्ट करो 2024 डब्लूआरआई इंडिया का प्रमुख कार्यक्रम है, जो महत्वपूर्ण पर्यावरणीय और संवहनीयता चुनौतियों के लिए नए समाधान खोजने पर केंद्रित है, जिसमें भारत और विदेशों के विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, सरकारी अधिकारी और शोधकर्ता, जलवायु कार्रवाई, टिकाऊ भोजन और बहाली, ऊर्जा और भारत के सामने विकासात्मक चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आते हैं।
'भारत में सस्टेनेबल और रेसिलिएंट खाद्य और भूमि प्रणालियों को सक्षम करने' पर पूर्ण सत्र के दौरान, इंटीग्रेटेड नुट्रिएंट मैनेजमेंट की संयुक्त सचिव, योगिता राणा, आईएएस ने कहा, "हमें सुरक्षित और पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता देने की दिशा में मानसिकता को बदलकर अस्थिरता के तत्काल मुद्दे से निपटना चाहिए। उन्होंने साइल स्वास्थ्य कार्ड जैसी सरकार की पहल पर प्रकाश डाला, जो किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने में मदद करता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की क्षेत्रीय निदेशक, आईआरएस, प्रीति चौधरी वर्चुअल रूप से शामिल हुईं और भोजन की बर्बादी को कम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षित खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने और अधिशेष भोजन वितरण और खाना पकाने के तेल के पुनर्चक्रण जैसे संसाधनों के पुनरुपयोग के प्रयासों का उल्लेख किया और इन उपायों को सभी क्षेत्रों में बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "बर्बाद हुआ हर अनाज किसी जरूरतमंद का पेट भर सकता है; यही व्यवहार परिवर्तन है जिसकी हमें जरूरत है।"
डब्लूआरआई इंडिया के सीईओ माधव पई ने आगे जोर दिया, "भारत को अपने लोगों की सुरक्षा, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने, पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने और स्वस्थ प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए अपने खाद्य और भूमि उपयोग प्रणालियों में तत्काल परिवर्तन की आवश्यकता है। यह हमें एक ऐसा भविष्य बनाने में मदद कर सकता है जहाँ भारत के भूमि प्रदेश के हालात बेहतर हों, कृषि उपज में वृद्धि, मिट्टी और पानी का सकारात्मक पुनर्जीवन हो और भूमि क्षेत्र से युवाओं, महिलाओं और अन्य समाज के हाशिए के समूहों के लिए विभिन्न नौकरियाँ और आजीविका के अवसर खुलें।"
कनेक्ट करो के दूसरे दिन के प्रमुख कार्यक्रम:
'इंडिया अलायंस फॉर क्लीन कंस्ट्रक्शन' (आईएसीसी) की घोषणा:
आइएसीसी का उद्देश्य ऐसी रुपरेखा बनाना और बढ़ावा देना है, जो निर्माण क्षेत्र में स्वच्छ-वायु प्रथाओं को अपनाने की दिशा में एक सहज परिवर्तन को सक्षम कर सकते हैं। यह मंच देश में धूल-मुक्त निर्माण गतिविधियों में की दिशा में काम करने वाले बिल्डरों एंव उनके संगठन, इंजीनियरों, व्यवसायियों, निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी विक्रेताओं, शिक्षाविदों और निर्माण उद्द्योग के अन्य हितधारकों को एक साथ लाएगा।
कार्य-पत्र (वर्किंग-पेपर) टोमैटो ट्रेल का अनावरण: मध्य प्रदेश में खाद्य हानि और खाद्य की खराबी समझना:
इस अध्ययन ने टमाटर आपूर्ति श्रृंखला में खाद्य हानि और खाद्य की खराबी का आकलन किया है। महत्वपूर्ण हानि बिंदुओं, प्रमुख कारणों और चालकों, लिंग और सामाजिक समावेश की भूमिका और नुकसान और बर्बादी को कम करने के संभावित समाधानों की पहचान की है।
भारत में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बस कार्यक्रम को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता की चुनौतियों का आकलन करने वाले वर्किंग पेपर का अनावरण:
यह वर्किंग पेपर भारत के ई-बस वित्तीय सहायता में शुरुआती चरण की चुनौतियों को फाइनेंसर (वित्तपोषक) और ऑपरेटर के दृष्टिकोण से समझने पर विचार करता है, जिसमें कई हितधारकों और विशेषज्ञों के साक्षात्कार शामिल हैं।
'समाधान कक्ष: हरित एमएसएमई नौकरियों में महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाना' शीर्षक से एक इंटरैक्टिव सत्र, जिसमें महिला उद्यमों के सामने आने वाली वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने और भारत के एमएसएमई क्षेत्र में हरित नौकरियों की क्षमता द्वारा प्रस्तुत अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को बढ़ावा देने के दृष्टिकोणों पर चर्चा की गई।
'दूरियां मिटाना - ठंडे शहरों के लिए डेटा' पर एक सत्र जिसमें शहरों में विविध शहरी ताप अनुकूलन (हीट अडॉप्टेशन) रणनीतियों की जानकारी इकठ्ठा की गई, जिसमें दिखाया गया कि कैसे जोखिम का आकलन करने, ताप अनुकूलन उपायों की योजना बनाने और निगरानी के लिए डेटा का लाभ उठाया गया है।
'परिवहन डेटा और संवाद के लिए पहल' - व्यापक शहरी गतिशीलता (मोबिलिटी) चुनौतियों को हल करने हेतु नवीन डेटा-संचालित समाधानों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच पर सत्र। इस पहल का उद्देश्य शहरों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ाने और बेहतर बनाने और पर्सनल2पब्लिक (पी2पी) में बदलाव को सक्षम करने के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोणों का पता लगाना है। इस प्लेटफ़ॉर्म के तहत, एक ऐसा टूल दिखाया गया जो कई भारतीय शहरों में शहरी गतिशीलता पैटर्न को समझने के लिए ओपन डेटा का उपयोग करता है और उपयोगकर्ताओं को सार्वजनिक परिवहन के उच्च हिस्से और इसके संभावित लाभों के साथ भविष्य के परिदृश्यों का विश्लेषण करने में मदद करता है। एक पैनल चर्चा में यह भी पता लगाया गया कि कैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) सिद्धांत सार्वजनिक बसों की सेवा वितरण और समग्र यात्री अनुभव में सुधार करके शहरी गतिशीलता में क्रांति ला सकते हैं।
मीडिया संपर्क:
तनुश्री वेंकटरमन | +91-9819761990 | tanushree.venkatraman@wri.org
सतभान सिंह | +91-8920105135 | satbhan.singh@wri.org
डब्लूआरआई इंडिया के बारे में
इंडिया रिसोर्सज ट्रस्ट, एक स्वतंत्र चैरिटी जिसे "डब्लूआरआई इंडिया" कहा जाता है, पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ और सामाजिक रूप से न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देने के लिए वस्तुनिष्ठ जानकारी और व्यावहारिक प्रस्ताव प्रदान करता है। हमारा काम टिकाऊ और रहने योग्य शहरों के निर्माण और कम कार्बन अर्थव्यवस्था की दिशा में काम करने पर केंद्रित है। अनुसंधान, विश्लेषण और सिफारिशों के माध्यम से, डब्लूआरआई इंडिया पृथ्वी की रक्षा, आजीविका को बढ़ावा देने और मानव कल्याण को बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी उपायों को प्रस्तुत करता है।
अधिक जानकारी के लिए:
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इस प्रेस रिलीज का उद्देश्य एकमात्र उद्देश्य जागरूक करना, जानकारी देना और विषयों पर गहन चर्चा करना है। यह जानकारी डब्लूआरआई इंडिया द्वारा विभिन्न स्रोतों से इकट्ठा की गई है। रिलीज के विचार एंव मत डब्लूआरआई इंडिया के नहीं हैं।
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भारत के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्यों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात करते हुए, कांत ने आगे कहा, "बिजली उत्पादन से परे, राज्य स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण और परिवहन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहे हैं, विकास को गति दे रहे हैं, नौकरियां पैदा कर रहे हैं और भारत को अग्रणी देश के रूप में स्थापित कर रहे हैं। पसंदीदा निवेश गंतव्य।"
भारत के ऊर्जा परिवर्तन में राज्यों की भूमिका' नामक सत्र में राज्य के ऊर्जा परिवर्तन के कई तत्वों के संबंध में अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया। इसमें उत्पादन, परिवर्तन, बाजार, उभरती और नवीन प्रौद्योगिकियां और नियोजन प्रक्रियाएं शामिल हैं।
कनेक्ट करो 2024 डब्लूआरआई इंडिया का प्रमुख कार्यक्रम है, जो महत्वपूर्ण पर्यावरणीय और संवहनीयता चुनौतियों के लिए नए समाधान खोजने पर केंद्रित है, जिसमें भारत और विदेशों के विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, सरकारी अधिकारी और शोधकर्ता, जलवायु कार्रवाई, टिकाऊ भोजन और बहाली, ऊर्जा और भारत के सामने विकासात्मक चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आते हैं।
'भारत में सस्टेनेबल और रेसिलिएंट खाद्य और भूमि प्रणालियों को सक्षम करने' पर पूर्ण सत्र के दौरान, इंटीग्रेटेड नुट्रिएंट मैनेजमेंट की संयुक्त सचिव, योगिता राणा, आईएएस ने कहा, "हमें सुरक्षित और पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता देने की दिशा में मानसिकता को बदलकर अस्थिरता के तत्काल मुद्दे से निपटना चाहिए। उन्होंने साइल स्वास्थ्य कार्ड जैसी सरकार की पहल पर प्रकाश डाला, जो किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने में मदद करता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की क्षेत्रीय निदेशक, आईआरएस, प्रीति चौधरी वर्चुअल रूप से शामिल हुईं और भोजन की बर्बादी को कम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षित खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने और अधिशेष भोजन वितरण और खाना पकाने के तेल के पुनर्चक्रण जैसे संसाधनों के पुनरुपयोग के प्रयासों का उल्लेख किया और इन उपायों को सभी क्षेत्रों में बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "बर्बाद हुआ हर अनाज किसी जरूरतमंद का पेट भर सकता है; यही व्यवहार परिवर्तन है जिसकी हमें जरूरत है।"
डब्लूआरआई इंडिया के सीईओ माधव पई ने आगे जोर दिया, "भारत को अपने लोगों की सुरक्षा, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने, पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने और स्वस्थ प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए अपने खाद्य और भूमि उपयोग प्रणालियों में तत्काल परिवर्तन की आवश्यकता है। यह हमें एक ऐसा भविष्य बनाने में मदद कर सकता है जहाँ भारत के भूमि प्रदेश के हालात बेहतर हों, कृषि उपज में वृद्धि, मिट्टी और पानी का सकारात्मक पुनर्जीवन हो और भूमि क्षेत्र से युवाओं, महिलाओं और अन्य समाज के हाशिए के समूहों के लिए विभिन्न नौकरियाँ और आजीविका के अवसर खुलें।"
कनेक्ट करो के दूसरे दिन के प्रमुख कार्यक्रम:
'इंडिया अलायंस फॉर क्लीन कंस्ट्रक्शन' (आईएसीसी) की घोषणा:
आइएसीसी का उद्देश्य ऐसी रुपरेखा बनाना और बढ़ावा देना है, जो निर्माण क्षेत्र में स्वच्छ-वायु प्रथाओं को अपनाने की दिशा में एक सहज परिवर्तन को सक्षम कर सकते हैं। यह मंच देश में धूल-मुक्त निर्माण गतिविधियों में की दिशा में काम करने वाले बिल्डरों एंव उनके संगठन, इंजीनियरों, व्यवसायियों, निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी विक्रेताओं, शिक्षाविदों और निर्माण उद्द्योग के अन्य हितधारकों को एक साथ लाएगा।
कार्य-पत्र (वर्किंग-पेपर) टोमैटो ट्रेल का अनावरण: मध्य प्रदेश में खाद्य हानि और खाद्य की खराबी समझना:
इस अध्ययन ने टमाटर आपूर्ति श्रृंखला में खाद्य हानि और खाद्य की खराबी का आकलन किया है। महत्वपूर्ण हानि बिंदुओं, प्रमुख कारणों और चालकों, लिंग और सामाजिक समावेश की भूमिका और नुकसान और बर्बादी को कम करने के संभावित समाधानों की पहचान की है।
भारत में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बस कार्यक्रम को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता की चुनौतियों का आकलन करने वाले वर्किंग पेपर का अनावरण:
यह वर्किंग पेपर भारत के ई-बस वित्तीय सहायता में शुरुआती चरण की चुनौतियों को फाइनेंसर (वित्तपोषक) और ऑपरेटर के दृष्टिकोण से समझने पर विचार करता है, जिसमें कई हितधारकों और विशेषज्ञों के साक्षात्कार शामिल हैं।
'समाधान कक्ष: हरित एमएसएमई नौकरियों में महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाना' शीर्षक से एक इंटरैक्टिव सत्र, जिसमें महिला उद्यमों के सामने आने वाली वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने और भारत के एमएसएमई क्षेत्र में हरित नौकरियों की क्षमता द्वारा प्रस्तुत अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को बढ़ावा देने के दृष्टिकोणों पर चर्चा की गई।
'दूरियां मिटाना - ठंडे शहरों के लिए डेटा' पर एक सत्र जिसमें शहरों में विविध शहरी ताप अनुकूलन (हीट अडॉप्टेशन) रणनीतियों की जानकारी इकठ्ठा की गई, जिसमें दिखाया गया कि कैसे जोखिम का आकलन करने, ताप अनुकूलन उपायों की योजना बनाने और निगरानी के लिए डेटा का लाभ उठाया गया है।
'परिवहन डेटा और संवाद के लिए पहल' - व्यापक शहरी गतिशीलता (मोबिलिटी) चुनौतियों को हल करने हेतु नवीन डेटा-संचालित समाधानों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच पर सत्र। इस पहल का उद्देश्य शहरों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ाने और बेहतर बनाने और पर्सनल2पब्लिक (पी2पी) में बदलाव को सक्षम करने के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोणों का पता लगाना है। इस प्लेटफ़ॉर्म के तहत, एक ऐसा टूल दिखाया गया जो कई भारतीय शहरों में शहरी गतिशीलता पैटर्न को समझने के लिए ओपन डेटा का उपयोग करता है और उपयोगकर्ताओं को सार्वजनिक परिवहन के उच्च हिस्से और इसके संभावित लाभों के साथ भविष्य के परिदृश्यों का विश्लेषण करने में मदद करता है। एक पैनल चर्चा में यह भी पता लगाया गया कि कैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) सिद्धांत सार्वजनिक बसों की सेवा वितरण और समग्र यात्री अनुभव में सुधार करके शहरी गतिशीलता में क्रांति ला सकते हैं।
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इंडिया रिसोर्सज ट्रस्ट, एक स्वतंत्र चैरिटी जिसे "डब्लूआरआई इंडिया" कहा जाता है, पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ और सामाजिक रूप से न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देने के लिए वस्तुनिष्ठ जानकारी और व्यावहारिक प्रस्ताव प्रदान करता है। हमारा काम टिकाऊ और रहने योग्य शहरों के निर्माण और कम कार्बन अर्थव्यवस्था की दिशा में काम करने पर केंद्रित है। अनुसंधान, विश्लेषण और सिफारिशों के माध्यम से, डब्लूआरआई इंडिया पृथ्वी की रक्षा, आजीविका को बढ़ावा देने और मानव कल्याण को बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी उपायों को प्रस्तुत करता है।
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इस प्रेस रिलीज का उद्देश्य एकमात्र उद्देश्य जागरूक करना, जानकारी देना और विषयों पर गहन चर्चा करना है। यह जानकारी डब्लूआरआई इंडिया द्वारा विभिन्न स्रोतों से इकट्ठा की गई है। रिलीज के विचार एंव मत डब्लूआरआई इंडिया के नहीं हैं।
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